Friday 31 July 2015

‘राष्ट्रीय उजाला’ एक्सक्लूसिव: नोएडा प्रापर्टी बाजार पर लगा ग्रहण

-बिल्डर्स साइट पर हजारों मकान अधर में। नए प्रोजेक्टों में निवेश के मूड में नहीं दिख रहे निवेशक। रियल एस्टेट सर्वे कंपनी ने किया चौंकाने वाला खुलासा। आगे के 18 माह भी ठंडा रहेगा प्रॉपर्टी बाजार।-
-सर्वे कंपनी का खुलासा, बीते वर्षों के मुकाबले इस वर्ष प्रापर्टी में निवेश करने वालों की संख्या में आई 50 फीसदी तक की कमी-
अश्वनी श्रीवास्तव
नोएडा। प्रापर्टी में निवेश के नजरिए से एनसीआर के लिए 2014-2015 बुरा दौर माना जा रहा हैं। विशेषज्ञों की माने, तो इस दौरान न ही लोगों ने प्रापर्टी में निवेश करना उचित समझा और न ही बिल्डरों ने प्रोजेक्टों को लांच करना। आंकड़ों पर नजर डाले, तो जहां प्रापर्टी के खरीददारों में 50 फीसदी तक गिरावट आई। वहीं नए प्रोजेक्टों की लांचिग में भी 68 फीसदी तक की गिरावट देखी गई है। दिल्ली-एनसीआर के प्रॉपर्टी मार्केट में सुधार होता नहीं दिखाई दे रहा है। रियल एस्टेट कंसल्टेंट फर्म नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के अनुसार, 2015 के पहले छह महीने में प्रॉपर्टी की बिक्री में 50 फीसदी की कमी आई है और इस दौरान सिर्फ 14,250 फ्लैट्स की बिक्री हुई। नाइट फ्रैंक ने इसकी मुख्य वजह फ्लैट की ऊंची कीमत और समय पर प्रोजेक्ट का पजेशन नहीं मिलना बताया है। फ्लैट की बिक्री नहीं होने से नए प्रोजेक्ट की लॉन्चिंग एकदम से कम हुई है। नए प्रोजेक्ट की लॉन्चिंग में 68 फीसदी की कमी आई है।
चौंकाते हैं आंकड़े
नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा समय में दिल्ली-एनसीआर में तकरीबन 1.9 लाख बिना बिके हुए फ्लैट्स (अनसोल्ड इनवेंट्री) है। जो पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक है। नाइट फ्रैंक इंडिया के एग्जीक्यूटिव डाइरेक्टर राजीव बैराठी ने बातचीत के दौरान बताया कि रेजीडेंशियल प्रापर्टी की मांग न होने के कारण आवासीय परिसरों का बुरा हाल है, हांलाकि व्यवसायिक मार्केट में अभी भी लोगों की रुचि बरकरार है।
राजीव बताते हैं कि इस दौरान आफिस स्पेस और आईटी, आईटीएस, ई-कार्मस और बैंकिग सेक्टर में भी लोगों की रुचि बनी हुई है। सू़़त्रों की माने, तो आगे भी इनमें तेजी बनी रहने की संभावना है।
कीमतों में इजाफे की उम्मीद नहीं
रियल एस्टेट सर्वे कंपनी नाइट फ्रैंक इंडिया के नेशनल डायरेक्टर (रेजिडेंशियल मार्केट) मुदस्सिर जैदी की माने, तो एनसीआर के रियल्टी मार्केट में वर्ष 2015 की दूसरी छमाही में भी सुस्ती बरकरार रहेगी। जैदी बताते हैं कि 2014 की दूसरी छमाही के मुकाबले 2015 की पहली छमाही में सेल्स वॉल्यूम में 18 फीसदी की वृद्धि देखी गई है। जैदी ने बताया की आने वाले महीनों में प्रॉपर्टी की बिक्री तो बढ़ेगी, लेकिन कीमतों में कोई इजाफा नहीं देखने को मिल सकता है। जबकि उनके नजरिए से यदि देखें तो वह कहते है कि, आने वाले 12 से 18 महीने तक प्रॉपर्टी की कीमतों में कोई इजाफा होने की संभावना नहीं लग रही है।
सच्चाई से दूर हैं निवेशक
नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट की माने तो रियल्टी मार्केट में सुस्ती और कीमत नहीं बढ़ने से निवेशकों ने प्रापर्टी बाजार से दूरी बना ली है। स्थिति यह है कि लंबे समय के लिए निवेश करने वाले निवेशक भी अपना पैसा निकालना चाह रहे हैं। इसके चलते देश के बड़े रियल्टी मार्केट में से एक दिल्ली-एनसीआर अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहा है।
पूरी होगी आशियाने की चाहत
ग्रेटर नोएडा। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार खुशखबरी सुनने को मिल ही गई। अब उन लोगों का सपना पूरा होने वाला है, जो यमुना सिटी के किनारे अपना आशियाना बनाने की सोच रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए यमुना प्राधिकरण तीन अगस्त को इनडिपेंडेंट प्लॉट्स की स्कीम लॉन्च करेगा। योजना के प्लाट सेक्टर-22 डी में हैं। जानकार बताते हैं कि यह सेक्टर एफ वन रेसिंग ट्रैक और स्पोर्ट सिटी के पास है। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस स्कीम में 120 और 162 वर्ग मीटर के प्लॉट हैं। स्कीम में अप्लाई करने के लिए रजिस्ट्रेशन मनी बैंक से बतौर लोन ली जा सकेगी। इस स्कीम में एकमुश्त पेमेंट करने वालों को प्राथमिकता मिलेगी। स्कीम में अप्लाई करने वालों के लिए प्राधिकरण ने तीन श्रेणियां बनाई है। योजना की जानकारी देते हुए यमुना प्राधिकरण के एसीईओ ने बताया कि योजना आगामी तीन अगस्त को प्राधिकरण द्वारा लॉन्च की जाएगी। योजना का ड्रा आने वाले सितंबर माह की दो तारीख को तय किया गया है। 120 वर्ग मीटर के प्लाट आवेदन करने के लिए आवेदनकर्ता को एक लाख इकत्तर हजार रुपये एकमुश्त आवेदन शुल्क के रूप में देनी होगी, जबकि 162 वर्ग मीटर वाले प्लाट लेने के लिए आवेदन शुल्क के रूप में दो लाख इकतीस हजार रुपये जमा करने होंगे। योजना में किसानों का भी खास ख्याल रखा गया है। जिसके तहत उन्हें सत्रह फीसदी का आरक्षण योजना में आवेदन करने पर दिया जाएगा। जबकि फार्म का शुल्क एक हजार रुपये रखा गया है।
आठ साल में सबसे कम बिके मकान
नोएडा। मकानों की बिक्री के मामले में नोएडा पिछले आठ साल में अपने सबसे निचले स्तर में पहुंच गया है। जानकारों की माने, तो सबसे कम नोएडा में अप्रैल, मई और जून के दौरान केवल 3800 मकानों की बिक्री हुई, जो पिछले आठ वर्षों में सबसे कम है। निवेशकों की मांग कम होने से मकानों की बिक्री कम रही है। बैंक आॅफ अमेरिका मेरिल-लिंच की रिपोर्ट में यह कहा गया है। अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी बोफा-एमएल ने एक रिसर्च रिपोर्ट में बताया कि नोएडा में आवास बाजार लगातार कठिन बना हुआ है। खपत 2009 के स्तर से नीचे है। साल 2008-13 की तुलना में आपूर्ति या नई परियोजनाएं आधी हैं और कीमत पर दबाव है।

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