Thursday 30 July 2015

‘राष्ट्रीय उजाला’ एक्सक्लूसिव: राहुल का फरमान, हिंदी में बात करें प्रवक्ता

-देश की आम जनता तक कांग्रेस का पक्ष पहुंचाने की हो रही है कवायद
-भाजपा प्रवक्ताओं की तरह ही अब कांग्रेस के प्रवक्ता हिंदी में ही बात करते नजर आएंगे
-कांग्रेस में हैं 48 प्रवक्ता, 18 राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं, रणदीप सिंह सुरजेवाला मुख्य प्रवक्ता
-विभूति कुमार रस्तोगी-
नई दिल्ली। केंद्र से दस साल की सत्ता क्या गई, कांग्रेस को उन तमाम चीजों पर बारीकी से कवायद करनी पड़ रही है, जो पार्टी को देश की आम जनता के साथ मजबूती से जोड़ सके। इसी कड़ी में खुद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सभी कांग्रेस प्रवक्ताओं को फरमान जारी कर कहा है कि वे मीडिया के साथ बातचीत के दौरान हिंदी में बात करें। राहुल की यह कवायद बीते कुछ सालों में देश की आम जनता से दूर हो रही कांग्रेस पार्टी को मजबूती प्रदान करने के लिहाज से बेहद अहम मानी जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि दस साल के कांग्रेसी शासन के दौरान या उसके आगे तक कांग्रेस के ज्यादातर प्रवक्ता अंगे्रेजी में अपना पक्ष मीडिया के समक्ष रखते थे। इससे पार्टी की बात आम जनता तक नहीं पहुंच पा रही थी। अब भाजपा प्रवक्ताओं की ही तरह कांग्रेस के प्रवक्ता भी विशुद्ध रूप से हिंदी मीडिया के समक्ष बात करते नजर आएंगे।
दरअसल, अभी कांगे्रस में कुल 48 प्रवक्ता हैं। इनमें से 30 प्रवक्ता राज्यों के मुद्दों पर बात करने के लिए हैं। 18 प्रवक्ता देश के राष्ट्रीय मुद्दों पर मीडिया में पार्टी का पक्ष रखने के लिए अधिकृत हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता और कांग्रेस मीडिया के प्रभारी हैं। इनसे पहले अजय माकन कांग्रेस की ओर से मीडिया प्रभारी थे। सुरजेवाला की टीम में पूर्व गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह, अखिलेश प्रताप सिंह, शकील अहमद, राशिद अल्वी, मीम अफजल आदि प्रमुख हैं।
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी खुद कांग्रेस प्रवक्ताओं की समय-समय पर बैठक लेते रहते हैं और उन्हें आक्रामक तरीके से पार्टी की बात मीडिया में रखने की सलाह देते हैं। आज यह माध्यम ऐसा है, जिससे बहुत तेजी से किसी की बात देश की आम जनता और गांव-गांव तक पहुंचती है। लेकिन यही ऐसी चूक बीते कुछ सालों में हुई है, जिससे पार्टी लोकसभा में महज 44 सीटों पर सिमट कर रह गई थी। राहुल गांधी ने कहा कि जितना संभव हो, उतना प्रवक्ता हिंदी में ही बात करें।

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