Tuesday 14 July 2015

IPL फिक्सिंग : मयप्पन-कुंद्रा पर आजीवन बैन, सीएसके और राजस्थान रॉयल्स पर दो साल प्रतिबंध


नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के छठे संस्करण में सट्टेबाजी के दोषी पाए गए चेन्नई सुपर किंग्स के टीम अधिकारी गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान रॉयल्स के सह-मालिक राज कुंद्रा पर आजीवन बैन लग गया है। मयप्पन और राज कुंद्रा किसी भी प्रकार के क्रिकेट से अब नहीं जुड़ पाएंगे। इनके खिलाफ सुप्रीमकोर्ट द्वारा गठित न्यायमूर्ति आर. एम. लोढ़ा समिति ने आज सजा सुनाई। लोढ़ा समिति ने महेंद्र सिंह धौनी की टीम चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स पर दो साल का प्रतिबंध लगाया।
सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों मयप्पन और कुंद्रा तथा उनकी फ्रेंचाइजियों के लिए सजा निर्धारित करने के लिए 22 जनवरी को पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति लोढ़ा, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अशोक भान और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आर. रवींद्रन वाली एक समिति गठित की थी।
आईपीएल सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग की जांच के लिए गठित न्यायमूर्ति मुकुल मुद्गल वाली समिति की रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एवं चेन्नई सुपर किंग्स के स्वामित्व वाली कंपनी इंडिया सीमेंट्स के मालिक एन. श्रीनिवासन के दामाद मयप्पन और कुंद्रा को सप्तेबाजी में संलिप्तता को दोषी करार दिया था।
उसके बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा मयप्पन और कुंद्रा की सजा निर्धारित करने के लिए गठित लोढ़ा समिति ने मार्च में मयप्पन और कुंद्रा को कारण बताओ नोटिस जारी कर सजा के सिलसिले में उनकी प्रतिक्रिया मांगी थी। समिति को तीन प्रमुख कार्य दिए गए थे :
1. मयप्पन, कुंद्रा और उनकी फ्रेंचाइजियों के लिए सजा निर्धारित करना।
2. आईपीएल के तत्कालीन मुख्य संचालनाधिकारी सुंदर रमन की सप्तेबाजी और मैच फिक्सिंग में भूमिका की जांच करना और जरूरी हो तो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की ओर से उन पर जुर्माना लगाना।
3. बीसीसीआई द्वारा भ्रष्टाचार और हितों के टकराव की रोकथाम के लिए अपनाई जा रही प्रक्रिया में उचित सुधार के लिए सुझाव देना और साथ ही बीसीसीआई की कार्यप्रणाली को अधिक सरल बनाना, ताकि बीसीसीआई को लोगों की उम्मीदों के प्रति अधिक जवाबदेह बनाया जा सके।

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