इससे पहले, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को हंगामा कर रहे सदस्यों की ओर इशारा करके नायडू से कुछ कहते देखा गया। इसके तुरंत बाद नायडू ने स्पीकर से कहा, ‘‘20 लोग सदन को बंधक बनाकर नहीं रख सकते। आप इन्हें चेतावनी दीजिए, इनके खिलाफ कार्रवाई कीजिए… हर दिन तमाशा, अभद्र भाषा का प्रयोग, स्पीकर के चेहरे के आगे प्लेकार्ड दिखाना.. ये सब नहीं चलेगा।’’ इस पर स्पीकर ने कहा कि 40 लोग मिलकर सदन के 440 सदस्यों का अधिकार छीन रहे हैं। यह प्रजातंत्र नहीं उसकी हत्या है। उन्होंने लोकसभा टीवी से कहा, ‘‘जो लोग ये हंगामा कर रहे हैं, उन्हें जरूर दिखाइए, हिंदुस्तान देखे कि ये कैसा आचरण कर रहे हैं… कैसा गैर जिम्मेदाराना आचरण है आप लोगों का.. पूरा हिंदुस्तान देखे, जनता देखे..यह वास्तव में बहुत अच्छा रहेगा।’’ शोरशराबे के बीच ही चल रहे शून्यकाल के दौरान अपना विषय उठाने से पहले बीजद के भृतुहरि मेहताब ने कहा, ”आज इस सदन में फासीवाद का स्वरूप नजर आ रहा है। आपके (स्पीकर) संयम को चुनौती देने का प्रयास हो रहा है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि आपका संयम बरकरार रहे।’’
नायडू द्वारा हंगामा कर रहे कांग्रेसी सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की आसन से मांग किए जाने के बाद सत्ता पक्ष के कई सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर सोनिया गांधी के खिलाफ नारे लगाने लगे। लेकिन नायडू ने उन्हें अपने स्थानों पर शांत होकर बैठने का संकेत किया। ललित मोदी और व्यापमं मामलों को लेकर सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफों की मांग को लेकर कांग्रेस और वाम दलों के सदस्यों का मानसून सत्र के पहले दिन से ही हंगामा जारी है जिसके कारण लोकसभा की अब तक की कार्यवाही लगभग ठप रही है।
आज भी सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस और वाम दलों के सदस्यों ने ललित मोदी और व्यापमं के मुद्दों तथा सपा, राजद और जदयू के सदस्यों ने जातिगत जनगणना के मुद्दे पर आसन के सामने आकर नारेबाजी की। अध्यक्ष ने भारी शोरशराबे के बीच ही प्रश्नकाल और उसके बाद शून्यकाल चलाया। इस हंगामे के बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी तृणमूल कांग्रेस, वाम दलों और जनता दल यू तथा आप के सदस्यों से लगातार विचार विमर्श करते देखे गए। इसके कुछ देर बाद तृणमूल के सदस्य भी अपने स्थान पर खड़े हो गए।
इस बीच, राकांपा की सुप्रिया सुले नारे लगा रहे सदस्यों को गले को राहत देने के लिए उन्हें गोलियां देती नजर आयीं। कांग्रेस सदस्यों द्वारा ‘‘तानाशाही नहीं चलेगी, नहीं चलेगी’’ और अन्य नारे लगाए जाने के समय पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी भी अपनी सीट पर बैठी बैठी उन नारों का साथ देती देखी गयीं। बाद में कांग्रेस अध्यक्ष के साथ बैठे सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव अपने दल के सदस्यों को जाति जनगणना की मांग पर आसन के सामने नारे लगाने को प्रेरित करते देखे गए।
हंगामे के बीच ही अध्यक्ष ने मुलायम सिंह और जदयू नेता जयप्रकाश नारायण को उनकी बात रखने की अनुमति दी और इन दोनों ही नेताओं ने जाति जनगणना के आंकड़ों को सार्वजनिक करने की मांग की। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही चलाने के बाद अध्यक्ष ने लगभग एक बजे बैठक को भोजनावकाश के लिए सवा दो बजे तक स्थगित कर दिया।