नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सभी नागरिकों को आधार कार्ड मुहैया कराने की केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को मंगलवार को एक संविधान पीठ के पास भेज दिया। इसके साथ ही वृहद पीठ इस बात पर भी निर्णय लेगी कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है या नहीं। न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति एसए बोबडे और न्यायमूर्ति सी नागप्पन की पीठ ने केंद्र की याचिका मंजूर करते हुए विभिन्न प्रश्न तैयार किए, जिन पर वृहद संविधान पीठ को फैसला करना है। इनमें यह प्रश्न भी शामिल है कि निजता का अधिकार एक मौलिक अधिकार है या नहीं। उच्चतम न्यायालाय ने वृहद पीठ के गठन के लिए यह मामला प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तू के पास भेजते हुए कहा कि यदि हां, तो निजता के अधिकार की रुपरेखा क्या होगी। उच्चतम न्यायालय इस मामले में अपराह्न दो बजे सुनवाई करेगा कि सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड वैकल्पिक रहेगा या नहीं और क्या इसका जारी पंजीकरण रोका जाएगा या नहीं।