नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने आज सीबीआई की उस अपील को खारिज कर दिया, जिसमें एजंेसी ने अतिरिक्त 15 मिनट सुनवाई करने का अनुरोध किया था ताकि वर्ष 1997 के उपहार अग्निकांड मामले में सजा के परिमाण के बारे में छूट गए बिंदुओं पर दलीलें पेश की जा सकें। अपनी अपील में सीबीआई ने कहा था कि इस मामले में दोषी ठहराए गए और रियल एस्टेट के दिग्गज सुशील और गोपाल अंसल 30-30 करोड़ रूपए का जुर्माना भरकर तीन महीने में ही आगे की कैद से बच निकलने में कामयाब रहे।
न्यायाधीश ए आर दवे की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा, ‘‘यह उचित नहीं होगा। हम पहले ही आदेश जारी कर चुके हैं।’’ इस मामले में सीबीआई का पक्ष रखने वाले वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने मामले से जुड़े कुछ बिंदुओं पर और दलीलें रखने के लिए 15 मिनट का समय मांगा था। साल्वे ने कहा, ‘‘मैं वर्ष 2000 से जनहित की खातिर इस मामले की वकालत कर रहा हूं। कृपया हमें आज दोपहर तीन बजकर 45 मिनट से चार बजे तक 15 मिनट का समय दें। यदि अदालत सहमत न हो पाए तो हमें भले ही बाहर कर दिया जाए।’’